गर्मी के दिन की बात और रात समय १ बजे।।
बो गर्मी के दिन की बात है
बो प्यारी सी ठंडी ठंडी रात है
मेरे घर के आँगन मे बिछी मेरी खाट है
मेरे घर से लगा मेरा खेत है
उस खेत मे एक कुंआ है जिसका पानी को देख के ऐसा लग रहा जैसा मोती तेर रहे हो
पर मे पागल इतनी रात को क्यों जग रहा हूँ इसके पीछे भी कोई न कोई बात है
बादल का बो दृष्या लग रहा है कितना प्यारा
उस खेत मे एक कुंआ है जिसका पानी को देख के ऐसा लग रहा जैसा मोती तेर रहे हो
पर मे पागल इतनी रात को क्यों जग रहा हूँ इसके पीछे भी कोई न कोई बात है
बादल का बो दृष्या लग रहा है कितना प्यारा
जैसे स्वर्ग का हो नजारा
आसमान के टीम टिमाते सितारे
जिनकी सोभा बढ़ा रहे है चंदा मामा प्यारे
सर सर चल रही है ठंडी ठंडी हवा
आसमान के टीम टिमाते सितारे
जिनकी सोभा बढ़ा रहे है चंदा मामा प्यारे
सर सर चल रही है ठंडी ठंडी हवा
ऐसा लग रहा है कुछ पल के लिए ठहर स गया ह ये समा
कितना सान्त स है ये नजारा
अब नही मिलेगा दोबारा
जी लेते है इस पल
कितना सान्त स है ये नजारा
अब नही मिलेगा दोबारा
जी लेते है इस पल
पता नहीं मिलेगा की नही कल
ऐसा है मेरे गाँव का घर
जिस पर हजारों कविता लिखूँगा तो भी नहीं होगी पूरी
ऐसा लगेगा की ये है अधूरी....
ऐसा है मेरे गाँव का घर
जिस पर हजारों कविता लिखूँगा तो भी नहीं होगी पूरी
ऐसा लगेगा की ये है अधूरी....